मरहबा सद मरहबा आमदे-रमज़ान है खिल उठे मुरझाए दिल, ताज़ा हुआ ईमान है हम गुनाहगारों पे ये कितना बड़ा अहसान है या ख़ुदा तूने अता फिर कर दिया रमज़ान है... माहे-रमज़ान इबादत, नेकियों और रौनक़ का महीना है। यह हिजरी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस्लाम के मुताबिक़ अल्लाह क्लिक »-www.prabhasakshi.com